गाँधी जी बात सुनकर सफाईकर्मी के आँसू निकल गये. गुरूजी की इस बात को सुनकर शिष्य अत्यत दुखी हुआ. उसे गुरूजी द्वारा ऐसे शब्द कहें जाने की उम्मीद नहीं थी। और वह शिष्य अपने आप को ज्ञानवान अक्लमंद भी समझता था सो उसके अहम को बहुत ठेस पंहुचा। पंचतंत्र की https://lokhitkhabar.com/
The Smart Trick of प्रेरक प्रसंग That No One is Discussing
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